सावन महीने में सिर्फ शिव ही नहीं, शिव के गले में लिपटे नाग की भी पूजा की जाती है। सावन माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है नागपंचमी। इस साल 2022 में नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) उत्तर भारत में 02 अगस्त को मनाई जाएगी। जानते हैं नाग पंचमी का महत्व और पूजन विधि विस्तार से-
नाग पंचमी (Naga Panchami 2022) का कब मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त
उत्तर भारत में नाग पंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इस वर्ष यानी 2022 में नाग पंचमी तिथि 2 अगस्त को पड़ रही है। दक्षिण भारत और गुजरात के कुछ हिस्सों में इसे कृष्ण पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस साल यह 16 अगस्त को है। आइए जानते हैं कि नागपंचमी (Nag Panchami 2022) की पूजा किस मुहूर्त में करना शुभ होगा :-
नाग पंचमी 2022 की तिथि और मुहूर्त तिथि और समय
नाग पंचमी 02 अगस्त 2022, दिन मंगलवार
पंचमी तिथि प्रारंभ 02 अगस्त 2022, प्रातः: 05: 13
पंचमी तिथि समाप्त- 03 अगस्त 2022, प्रातः: 5:41
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त सुबह 05:43 से 08:25 तक
दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों सहित गुजरात में मनाई जाने वाली नाग पंचमी मुहूर्त तिथि और समय
नाग पंचमी 16 अगस्त 2022, दिन मंगलवार
पंचमी तिथि प्रारम्भ 15 अगस्त 2022 को शाम 09: 01 से
पंचमी तिथि समाप्त 16 अगस्त 2022 को शाम 08:17 तक
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त सुबह 06:11 से सुबह 08:51 तक
नाग पंचमी का महत्व
नागपंचमी की पूजा देशभर में होती है। नेपाल सहित कुछ अन्य देशों में भी नाग पूजा का महत्व देखा गया है। पौराणिक कथा के अनुसार हमारी पृथ्वी शेष नाग पर ही टिकी हुई है। पाताल लोक के स्वामी है नाग। भगवान विष्णु की शैय्या है नाग और भगवान भोलेनाथ के गले में भी नाग देवता लिपटे हुए हैं। विविध रूपों में विविध नाम और तरीकों से नाग देवता की पूजा होती है। नाग की पूजा के लिए नाग पंचमी (Naga Panchami) का विशेष दिन तय किया गया है। नाग की पूजा से नाग का डर भी दूर हो जाता है।
नागपंचमी (Nag Panchami 2022) पर नाग देवता की पूजा
नागपंचमी के दिन नाग देवता को दूध अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है। कई लोग विभिन्न आकार की सांप की आकृति बनाकर उसकी उसकी पूजा करते हैं। वहीं कई इलाकों में घर के प्रवेश द्वार पर या पूजा के स्थान पर नाग का चित्र बनाकर उसकी पूजा की जाती है।
आप नाग देवता के मंदिर भी जाकर दूध अर्पित कर सकते हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित देश के कई भागों में नाग देवता मंदिर है। भगवान शिव की पूजा करके भी नाग देवता को प्रसन्न किया जा सकता है।
इस दिन नाग देव के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है और दूध चढ़ाया जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए भी रक्षाबंधन से पहले नाग पंचमी (Nag Panchami) को सावन के महीने में मनाया जाता है।
नागपंचमी 2022 को लें इन 12 नागों के सम्मान से नाम
नागपंचमी के दिन नाग देव के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है और दूध चढ़ाया जाता है। ये बारह स्वरूप है- अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक, पिंगल। नाग पूजा के दौरान इन 12 नामों का उच्चारण करने से सर्प भय दूर होता है। नागों का विशेष आशीर्वाद भी मिलता है।
नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) की पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर शुद्ध जल से स्नान करके शरीर को पवित्र करें। घर को पवित्र करने के लिए पूरे घर में गंगा जल या शुद्ध जल का छिडक़ाव करें। पूजा करने के लिए नाग देवता का चित्र या फिर मिट्टी से नाग की प्रतिमा बनाएं। घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर भी नाग का चित्र बना सकते हैं। उसके बाद हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित किए जा सकते हैं। इसके बाद कच्चे दूध में घी और चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें। नाग देवता की आरती करें। हम जानते हैं कि हमारे देश में सपेरा समुदाय है, जो नाग जिनके लिए जीवन की धुरी है। ऐसे में नागपंचमी (Naga Panchami 2022) के दिन सपेरे को दक्षिणा देकर विदा करें। नागपंचमी की कथा सुनना और इस दिन रुद्राभिषेक का भी महत्व है। नागपंचमी का दिन गरुड़ पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है, इसलिए नाग पंचमी के दिन गरुड़ की भी पूजा की जानी चाहिए। नाग पंचमी के दिन 12 नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
नाग पंचमी पूजा मंत्र
ॐ भुजंगेशाय विद्महे, नागराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
‘सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
इस मंत्र का अर्थ होता है कि इस ब्रह्मांड में निवास करने वाले नाग देवताओं को हम बारंबार नमन करते हैं, आप हमें आशीर्वाद दें।
नाग पंचमी (Nag Panchami 2022) की कथा
एक सेठ के सात बेटे थे। सबसे छोटे बेटे की पत्नी का कोई भाई नहीं था। एक दिन सेठ की सारी बहुएं घर को साफ करने के लिए मिट्टी लेने पहुंचीं। मिट्टी खोदते समय सबसे बड़ी बहु को एक सांप दिखा। वह डर गई और सांप को मारने लगी। तब सबसे छोटी बहु बोली- यह बेचारा निरपराध है। उसके टोकने से बड़ी बहू ने उसे मारना बंद कर दिया। छोटी बहू सांप को दया भाव से देखने लगी और बोली, तुम कहीं जाना मत मैं लौट कर आती हूं। सांप अपनी जगह पर बैठा रहा, लेकिन छोटी बहू उसे भूल गई और घर चली गई।
जब उसे अगले दिन इस बात का एहसास हुआ, तो वह दौड़ती हुई उस सांप के पास गई, और उसे भाई संबोधित करते हुए माफी मांगी। तब नाग बोला कि तुमने मुझे भाई कहा है इसलिए मैं तुम्हें क्षमा करता हूं। तब सांप ने कहा कि तुमने मेरी जान बचाई है, तुम जो चाहो मांग सकती है। वह बोली, मेरा कोई भाई नहीं है, तुम मेरे भाई बन जाओ। सांप ने भाई बनना स्वीकार किया और उसे उपहार स्वरूप कुछ देने के लिए अपने घर में लेकर गया। सांप ने अपनी बहन को बहुत से गहने और हीरे से जड़ा हार देकर विदा कर दिया।
जब वह अपने घर हार लेकर लौटी तो खूबसूरत हार की चर्चा पूरे राज्य में फैल गई। राजा और रानी को भी पता चला। रानी ने राजा से जिद की कि उसे वह हार चाहिए। राजा का सेवक छोटी बहू से हीरे-मोतियों से जड़ा हार लेकर आ गए। छोटी बहू बहुत दु:खी हुई और अपने भाई को पुकारा और कहा कि वह चाहती है कि जब भी रानी उस हार को पहने वह हार सांप बन जाए और उतारने पर वापस अपने स्वरूप में आ जाए। नाग ने अपनी बहन की इस इच्छा को पूरी कर दी। अब जब भी रानी हार को पहनने की कोशिश करती, वह सांप बन जाता।
रानी राजा इस बात से हैरान हो गए और छोटी बहू को बुलाया। छोटी बहू बोली, क्षमा करें महाराज, पर यह हार ऐसा ही है, जब यह मेरे अलावा किसी अन्य के गले में होता है, तो यह सांप बन जाता है। राजा ने उसे इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देने के लिए कहा। छोटी बहू ने जब हार पहना तो वह हार ही था। राजा हैरान रह गया और राजा ने हार लौटा दिया। हर कोई हैरान था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। तब छोटी बहू ने अपने नाग भाई के बारे में बताया। उसकी बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा था। तब उसने फिर से अपने भाई को पुकारा। बहन की पुकार सुनकर नागराज प्रकट हुए और सबको सच्चाई बताई। कहते हैं कि तभी से नागपंचमी (Nag Panchami) का त्योहार मनाया जाता है।
त्योहार और पर्यावरण संतुलन के लिए भी नागपंचमी (Nag Panchami 2022) जरूरी
त्योहार सिर्फ हर्षोल्लास के लिए और मिथक कथाओं की वजह से नहीं मनाए जाते, दरअसल इन्हें मनाने के पीछे पर्यावरण को सहेजने की परंपरा रही है। नागपंचमी के बहाने सांपों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। सांप के प्रति लोगों के मन में उपजा भय कम किया जाता है। कई बार लोग सांप को इसी से डरकर मार देते हैं कि कहीं वह डस न लें। जबकि सांप बेवजह किसी को डसते नहीं है। सांप किसानों के लिए फायदेमंद भी हैं। खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चूहे को नष्ट करते हैं। नागपंचमी (Nag Panchami 2022) सावन में आती है, तब नई फसल बोई जाती है। ये नाग चूहों को दूर भगाकर खेतों की भी रक्षा करते हैं।
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