उगादी या गुड़ी पड़वा (Gudi padwa 2022) का त्योहार जैसे-जैसे पास आ रहा है, हम सभी में इसके प्रति रोमांच बढ़ता ही जा रहा है। आमतौर पर महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला यह त्यौहार अब पूरे देश में उसी उत्साह से मनाया जाने लगा है। गुड़ी पड़वा का उत्सव हिंदू नववर्ष के दिन मनाया जाता है, जो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन होता है। वेदों और शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्रि भी इसी दिन शुरू होती है और माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना का काम शुरू किया था।
गुड़ी पड़वा के दिन महाराष्ट्र में हर घर को फूल-मालाओं से सजाया जाता है। धार्मिक उत्सव का प्रतीक गुड़ी हर घर में फहराई जाती है। लोग अपने घरों से दुर्भाग्य को दूर करने और खुशियों को बढ़ाने के लिए गुड़ी पड़वा पर गुड़ी फहराते हैं।
Gudi padwa 2022 दिनांक और समय
रंगों के खूबसूरत त्योहार होली के बाद 2 अप्रैल, 2022 को गुड़ी पड़वा (Gudi padwa 2022) मनाई जाएगी। इस दिन से चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो रही है। उत्तर भारत में घर-घर में शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाएगी। यह अत्यधिक सौभाग्यशाली दिन है। पड़वा का अर्थ होता है पहला दिन यानी यह नववर्ष का पहला दिन है।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ:- 1 अप्रैल 2022 को 11:53 AM से
प्रतिपदा तिथि समाप्त:- 2 अप्रैल 2021 को 11:58 AM तक (उदयकालीन तिथि के अनुसार गुड़ी पड़वा 2022)
Gudi padwa 2022 का महत्व क्या है
यह ब्रह्म पुराण जो कि एक पवित्र हिंदू ग्रंथ में दर्शाया गया है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन पूरी दुनिया को फिर से विकसित किया था। भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार के समय जब पृथ्वी जलमग्न हो गई, तब ब्रह्मा ने फिर से सृजन का काम इसी शुभ दिन की थी। इस दिन ब्रह्मा पूजा का विशेष महत्व है।
एक और पौराणिक घटना जो गुड़ी पड़वा (Gudi padwa) की शुरुआत को दर्शाती है, वह है जब भगवान राम रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे। लोगों ने भव्य समारोह में भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण का स्वागत किया। गुड़ी या ‘ब्रह्मध्वज’ (ब्रह्मा का ध्वज) फहराना भगवान राम की विजय का प्रतीक है। यही वजह है कि इस दिन लोग अयोध्या में किए गए विजय उत्सव की याद में अपने घरों के प्रवेश द्वार पर गुड़ी फहराते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान राम ने इस विशेष दिन पर राजा बाली पर भी विजय प्राप्त की थी।
गुड़ी पड़वा (Gudi padwa 2022) महाराष्ट्र राज्य के लोगों के लिए एक अतिरिक्त महत्व के साथ आता है। किंवदंती के अनुसार छत्रपति शिवाजी महाराज, जो मराठा वंश के एक सम्मानित प्रमुख थे, ने सशस्त्र बलों का नेतृत्व किया। उन्होंने मुगलों के प्रभुत्व पर विजय प्राप्त की और उस क्षेत्र में राज्य को मुक्त कराया, इसलिए गुड़ी विजय और समृद्धि का भी प्रतीक है।
संक्षेप में कहें तो घर के दरवाजे पर गुड़ी फहराने से किसी भी प्रकार का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है और सुख और सौभाग्य का मार्ग प्रशस्त होता है। व्यवसायी भी इस शुभ दिन पर अधिकतम लाभ के लिए कोई नया उद्यम शुरू करते हैं।
परिवार के साथ कैसे मनाएं Gudi padwa 2022
-घर में खुशियां बढ़ाने के लिए दरवाजे पर रंगोली सजाएं।
– घर के प्रवेश द्वार पर गुड़ी फहराएं और सूर्योदय के समय इसकी पूजा करें।
– यह गुड़ी सौभाग्य का प्रतीक है, इसलिए इसे पीले रंग की चुनरी के साथ आम के पत्तों और लाल फूलों से सजाएं।
– गुड़ी पर सिंदूर या कुमकुम से पवित्र चिह्न स्वास्तिक बनाएं।
– उत्सव के घर में विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा जरूर करें।
गुड़ी पड़वा के अगले दिन तांबे के बर्तन में रखा पानी पी सकते हैं और गुड़ी के ऊपर बांस के डंडे रख सकते हैं।
Gudi padwa 2022 जरूरतमंद लोगों को पानी जरूर पीलाएं और किसी प्याऊ की शुरुआत करें।
नव वर्ष की महत्वपूर्ण देन
कहा जाता है कि इस दिन से पृथ्वी सूर्य के और नजदीक जाने लगती है। यह ग्रीष्म ऋतु के आगमन की भी सूचना देता है। सूर्य का भीतरी हिस्सा अत्यधिक सक्रिय होता है। अत: सूर्योदय के समय व्यक्ति का शरीर सूर्य से निकलने वाली दिव्य चेतना को अवशोषित कर सकता है और यह अधिक समय तक बना रहता है। यह शरीर की कोशिकाओं में बस जाता है और जब भी आवश्यकता होती है इसका उपयोग किया जाता है। यह gudi padwa 2022 आपके जीवन को खुशियों से भर दें, ऐसी ही हमारी शुभकामनाएं हैं।
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