ब्रह्मांड में उपस्थित कुल 27 नक्षत्रों में से 15वें स्थान पर आता है स्वाति नक्षत्र। इस नक्षत्र का स्वामी राहु है और इस नक्षत्र के चारों चरणों में जन्म लेने वाले लोगों की राशि तुला होती है, जिसका स्वामी शुक्र ग्रह है। अतः इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर जीवन पर्यंत राहु एवं शुक्र ग्रह का प्रभाव देखने को मिलता है। आइए जानते है कैसे होते है स्वाति नक्षत्र (swati nakshatra) में पैदा हुए लोग।
स्वाति नक्षत्र (swati nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व और स्वभाव
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए लोग आकर्षित करने वाले होते हैं। शुक्र ग्रह का प्रभाव पड़ने के कारण इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग दिखने में सुंदर, लंबे व हष्ट पुष्ट होते हैं। ये व्यावहारिक और हंसमुख स्वभाव के होते हैं। ये सभी के साथ अच्छा व्यवहार रखते हैं और मिलनसार होते हैं और सबकी मदद करने के लिए तत्पर होते हैं। इनकी जिद्द इन पर हावी होती है। राहु का प्रभाव होने के कारण इन्हें अपने कार्य में किसी के द्वारा निकाले गए नुक्स पसंद नहीं होते और अपनी मनमानी करते है। इनके कार्य में यदि किसी ने कोई भी कमी निकाली, तो ये उनसे बदला लेने के लिए भी तैयार रहते हैं। इनका यह मिलजुला व्यवहार इनकी कुंडली में राहु और शुक्र की स्थिति पर निर्भर करता है। ग्रहों की अच्छी स्थिति इन्हें अच्छे परिणाम देती है।
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा और कॅरियर
इस नक्षत्र में जन्मे लोग कला में काफी रूचि रखते है। ये अपनी शिक्षा के प्रति बहुत ही जागरुक और तत्पर रहते हैं। इनकी शिक्षा कला से संबंधित क्षेत्रों में हो सकती है। इसके अलावा वाणिज्य और व्यापार संबंधित विषयों में भी ये उच्च शिक्षा प्राप्त करते है। इन्ही विषयों से संबंधित क्षेत्रों में ये कॅरियर बनाते है। ज्वैलरी, फैशन, कपड़े, कॉस्मेटिक का काम करके ये अच्छा लाभ कमाते है। लेकिन राहु की खराब स्थिति इनकी शिक्षा और कॅरियर में उतार चढाव ले आती है। ये जुए सट्टे के आदि हो सकते है और व्यापार में काफी नुकसान खा सकते है। हालांकि ग्रहों की अच्छी स्थिति हो तो कई बार इन्हें आकस्मिक धन लाभ भी होता है। शेयर मार्केट और लॉटरी में इनकी किस्मत अच्छा खेल दिखाती है। वैसे ये जीवनभर पूरी मेहनत और ईमानदार से अपना कार्य करते हैं और शुभ फल प्राप्त करते है।
स्वाति नक्षत्र (swati nakshatra) में पैदा हुए लोगों का वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए लोगो का वैवाहिक जीवन उतार चढाव वाला होता है। कुंडली में राहु और शुक्र की अच्छी बुरी स्थिति के हिसाब से इनका जीवन व्यतीत होता है। अधिकतर देखा गया है कि इस नक्षत्र में जन्मे लोगों के अपने जीवनसाथी के साथ विचार नहीं मिलते हैं। जिनसे इनमें आपस में मनमुटाव बना रहता है। हालांकि इनकी तुला राशि के कारण ये लोग हमेशा एक संतुलन बनाकर रखते हैं। ये एक-दूसरे से लड़ते झगड़ते रहते हैं, जिससे इनका जीवन शांतिपूर्वक नहीं गुजरता। इनको अपने वैवाहिक जीवन में बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ जाता है। परिवार के साथ इनका तालमेल अच्छा रहता है। ये लोग अपने माता पिता से बहुत प्यार करते है तथा इनके पिता इनका हर जगह साथ देते है। हालांकि कई बार पिता के साथ इनका मनमुटाव हो जाता है, लेकिन फिर भी परिवार के प्रति इनका भावुक मन इन्हें इनसे अलग नही होने देता। अपने कार्य और व्यापार के लिए इन्हें अपना घर भी छोड़ना पड़ता है।
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का सकारात्मक पक्ष
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए लोग बहुत ही बुद्धिमान और चतुर स्वभाव के होते हैं और अपनी मधुर वाणी के कारण ये सभी के बहुत ही प्रिय होते हैं। ये ईश्वर और देवताओं में विश्वास रखते है और धार्मिक अनुष्ठान करते रहते हैं। इससे ईश्वर की कृपा इन पर बरसती है। शुक्र ग्रह की स्थिति अच्छी होने पर इन्हें महिलाओं से लाभ होता है तथा प्रेम संबंध सफल होता है। सभी भौतिक सुख इन्हें प्राप्त होते है और ये एक अच्छी जिंदगी गुजारते हैं। वहीं राहु ग्रह के आशीर्वाद से इन्हें आकस्मिक लाभ की प्राप्ति होती है।
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का नकारात्मक पक्ष
इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं। कुंडली में ग्रहों के दोष होने पर ये दूसरों की तरक्की से जलते हैं। ये कामुक प्रवृत्ति के भी होते हैं और वासना इन पर हावी रहती है। इनकी शुक्र की दशा खराब होने पर बहुत ही दुखी रहने लगते हैं और नशे के आदि हो जाते हैं। राहु की कृपा ना हो तो जुए सट्टे में ये अपना धन गंवा देते हैं और जीवन पर्यंत दुखी रहते हैं। कोर्ट कचहरी में इनके चक्कर लगते ही रहते हैं।
स्वाति नक्षत्र (swati nakshatra) में पैदा हुए लोगों को रखने वाली सावधानियां एवं उपाय
स्वाति नक्षत्र में पैदा लोगों को अपने व्यापार में लाभ के लिए एक नारियल लेकर उसमे छेद करके एक तांबे का सिक्का डालकर उसे बहते हुए पानी में डाल देना चाहिए। ऐसा करने से व्यापार में सफलता प्राप्त होती है। स्वाति नक्षत्र (swati nakshatra) का वृक्ष अर्जुन का पेड़ है। इस पेड़ की पूजा करने से और इसके दर्शन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी समस्याओं का निवारण होता है। इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगो को जुए सट्टे और गैर कानूनी कार्यों से दूर रहना चाहिए। भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और कुंडली में राहु और शुक्र के दोषों का निवारण अवश्य करवाना चाहिए।