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पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (purva bhadrapada nakshatra) में पैदा हुए लोग कैसे होते हैं और क्या हैं इनके सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष

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ब्रह्मांड में उपस्थित 27 नक्षत्रों में से 25 वें स्थान पर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र आता है। इस नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस नक्षत्र के प्रथम तीन चरणों में पैदा हुए लोगों की राशि कुंभ होती है, जिसका स्वामी शनि ग्रह है और अंतिम चरण में पैदा हुए लोगों की राशि मीन है जिसका स्वामी गुरु है। इस प्रकार इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर जीवन पर्यंत गुरु एवं शनि ग्रह का प्रभाव पड़ता है। इस नक्षत्र के अंतिम चरण में पैदा हुए लोगों को गुरु देवता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कैसे होते हैं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (purva bhadrapada nakshatra) में पैदा हुए लोग

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (purva bhadrapada nakshatra) में पैदा हुए लोगों का व्यक्तित्व एवं स्वभाव

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (purva bhadrapada) में पैदा हुए लोगों के स्वभाव के दो पहलू हो सकते हैं। एक पहलू बहुत ही सभ्य, संस्कारी एवं नम्र होता है, वहीं दूसरी ओर ये हिंसक व विनाशकारी भी हो सकते हैं। सामान्यतः यह देखा गया है कि अधिकतर लोग शांतिप्रिय, बुद्धिमान एवं सरल जीवन जीने वाले होते हैं। ये ईश्वर में पूर्ण विश्वास रखते हैं और किसी भी प्रकार की कठिन परिस्थिति में घबराते नहीं हैं बल्कि सभी को साथ लेकर उन कठिनाइयों का निवारण ढूंढते हैं। ये मध्यम कद-काठी के होते हैं तथा अपनी बातों और स्वभाव से सभी को मंत्रमुग्ध करने में भी माहिर होते हैं। ये धन एकत्रित करने के साथ शिक्षा में भी पूरी दिलचस्पी रखते हैं। कुछ परिस्थितियों में इनका दूसरा रूप भी देखने को मिलता है, जिसमें ये नकारात्मक कार्यों की ओर झुकाव ले लेते हैं और इन्हें स्वयं समझ नहीं आता कि ये क्या कर रहे हैं।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए लोगों की शिक्षा व कॅरियर काफी अच्छा रहता है। साहित्य में इनकी विशेष रूचि होती है, साथ ही ये विज्ञान, खगोलशास्त्र और ज्योतिष में भी दिलचस्पी रखते हैं। इसके अलावा ये विभिन्न विषयों में अच्छी जानकारी रखते हैं। शिक्षा, नौकरी एवं व्यापार की दृष्टि से ये नक्षत्र काफी अनुकूल होता है। ये लोग व्यवसाय की अपेक्षा नौकरी करना ज्यादा पसंद करते हैं तथा विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पदों पर आसीन होते हैं। ये अपना कॅरियर चिकित्सा, लेखन, पुरोहित, ज्योतिष, अध्यापन, मनोविश्लेषक, राजनीति, सेना, लोहार या सुनार से जुड़े कार्य, औषधि निर्माण से जुड़े कार्य आदि क्षेत्रों में बनाते हैं।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक व वैवाहिक जीवन

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (purva bhadrapada) में पैदा हुए लोगों का पारिवारिक जीवन ठीक-ठाक रहता है। परिवार में पिता से तो इनके तालमेल अच्छे होते हैं, परंतु माता के साथ इनके मनमुटाव हो सकते हैं। नौकरी या व्यवसाय के चलते इन्हें परिवार से दूर जाना पड़ सकता है। इनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। इनका जीवनसाथी बहुत ही भाग्यशाली होता है तथा उसके साथ इनके संबंध भी मधुर होते हैं। इनका जीवनसाथी समझदार एवं कर्तव्यपरायण होता है। संतान पक्ष से भी इन्हें पूर्ण सुख प्राप्त होता है। लेकिन कई बार इनका क्रोध एवं ईर्ष्यालु स्वभाव पारिवारिक एवं वैवाहिक जीवन को ख़राब भी कर देता है। ये अपने जीवनसाथी के प्रति हिंसक भी हो सकते हैं तथा इन पर घरेलू हिंसा के आरोप भी लगते देखे जा सकते हैं।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (Purva bhadrapad nakshatra) में पैदा हुए लोगों की जीवन शैली

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (purva bhadrapada) में पैदा हुए लोगों को धन की कभी कमी नहीं रहती। ये अनेक क्षेत्रों से धन कमाते हैं। ये नौकरी में उच्च पद हासिल करते हैं जिससे स्वयं को और अपने परिवार को एक अच्छा जीवन देते हैं। नक्षत्र स्वामी गुरु होने के कारण इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों का भाग्य हमेशा साथ देता है तथा गुरु की कृपा हमेशा बनी रहती है। यदि कुंडली में दोष हों तो इन्हें काफी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। परंतु मेहनती स्वभाव के कारण ये अपने जीवन स्तर को अच्छा रखते हैं।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र  में पैदा हुए लोगों के नकारात्मक पक्ष

इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को कई बार इनकी आर्थिक संपन्नता आलसी बना देती है जिससे ये कामचोर हो जाते हैं और धन गवां बैठते हैं। कई बार इनका क्रोध इनको हिंसक बना देता है जिससे ये ऐसे कार्य कर जाते हैं जिससे इन्हें जीवन पर्यंत पछताना पड़ता है। यदि इनकी कुंडली में गुरु व शनि ग्रह की स्थिति खराब है तो नौकरी, शिक्षा, व्यापार रिश्ते सभी जगह उतार चढ़ाव रहते हैं और अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुंभ राशि होने के कारण कई बार ये अपने मन की बात दूसरों से कहने में हिचकते रहते हैं।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को बरतने वाली सावधानियां व उपाय

इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को अपने क्रोध पर हमेशा नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि सब कुछ ठीक रहते हुए भी कई बार इनका क्रोध इनका जीवन खराब कर देता है। इनके पास धन खूब होता है, परंतु इन्हें आलस से बचना चाहिए। इन्हें अपनी कुंडली में गुरु और शनि ग्रह के दोषों का अवश्य निवारण करना चाहिए। बृहस्पतिवार एवं शनिवार के दिन भगवान विष्णु और शनि देव की आराधना करना इनके लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इन्हें भगवान शिव की भी उपासना करनी चाहिए तथा आम के वृक्ष लगाने चाहिए और गरीबों को दान देना चाहिए।

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